जिन्दा है हम: We are still Alive
Life |
आज करीब पन्द्र दिन बाद वापस लिख रही हूँ। अभी जो समय चल रहा है खबरे आ रही है उससे दिल में दो सवाल आ रहे है एक ख़ुशी भरा और गम को साथ लिए।
1. ख़ुशी:
भगवान् का बहुत धन्यवाद है की आज भी इस पल में भी हम जिन्दा है। अपनी आँखों से देख पा रहे है, अपने मुँह से बोल पा रहे है और ख़ास बात हमारी साँसे चल रही है।
2. दुःख:
छोटी छोटी उम्र में लोग हमारा साथ छोड़ते जा रहे है। मानसिक तनाव, भागदौड़ ने हमारे ऊपर मरने से ज्यादा जीने का बोझ डाल दिया है। झूठी शान के चलते या तो हम आत्महत्या कर रहे है या फिर हमारा दिल हमारा साथ नहीं दे रहा है।
आखिर इस कश्मकश से कैसे दुरी बनाये की हमे खुश होना चाहिए की दुखी समझ नहीं आ रहा है? क्या आपके दिमाग ने भी ये प्रश्न कभी आपसे किया है? अगर हां तो सवाल का जवाब ढूंढिए और अगर ना तो सोचिये क्युकी ये वक़्त गुजर जाएगा.... जिओ दिल से .....
ए मुसाफिर चलने के साथ रुकना भी सिख ले,
ये वक़्त की आवाज़ है जरा अपनों से भी मिल ले।
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