बहुत अजीब लगता है जब कोई हमे बुरा बोलता है। कभी कभी तो हमारा दिल भी टूट जाता है और हम असहज महसूस करते है। लेकिन क्या हम ये नही करते क्या हम दुसरो के दिल नही तोड़ते क्या हम कड़वा नहीं बोलते। आइये पहले हम खुद के दिल की मिठास बढ़ाये और जुबान से हमेशा मीठा बोले ताकि कभी हमारे कानो को कड़वा नही सुन्ना पड़े।
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