FIND YOUR PATH |
शॉर्ट स्टोरी (SHORT STORY):
अनूप बहुत ही सीधा और समझदार इंसान था, लेकिन आजकल के आधुनिक और प्रैक्टिकल युग में उसके सीधेपन को सब भोंदूपन मानते थे | उसके रिश्तेदार, इंजीनियरिंग कॉलेज वाले क्लास मेट और बाद में ऑफिस वाले भी उसके इस व्यवहार को कायरता समझ मजाक का पात्र बनाते थे | लेकिन वो इन सब को ध्यान ना देते हुए अपने काम पर ध्यान लगाता था, वो सुनता सबकी था लेकिन करता मन की था |
जहाँ एक ओर अनूप के दोस्त, रिश्तेदार और सहकर्मी उसको नीचा दिखाने और हंसी का पात्र बनाने में लगे थे, अनूप अपने लक्ष्य को अर्जुन की तरह भेदने में लगा था | वो अपना एक सॉफ्टवेयर बनाने में लगा था, जो आईटी इंडस्ट्री में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता था | उसे पता था की उसके इस सॉफ्टवेयर से बहुत काम सरल हो जायेगा| साथ ही वो एम.एस की तैयारी में भी लगा हुआ था | 2 साल की कड़ी मेहनत करने के बाद वो दिन आ ही गया जब उसका अच्छे कॉलेज में एडमिशन हो गया और वहां जा उसके सॉफ्टवेयर बनाने के सपने को और पंख मिल गए | बाद में उसे बेस्ट स्टूडेंट ऑफ़ दी ईयर (BEST STUDENT OF THE YEAR) का अवार्ड मिला, साथ ही उसके सॉफ्टवेयर को पेटेंट भी कराया गया |
उसकी इस सफलता से किसी दोस्त और रिश्तेदार की आँखे खुल गयी, कोई उसे बधाई देने आ गया और कोई उससे जलने में ही लगे रहे | ये बात बहुत सरल और आसान लग रही है, लेकिन अनूप जैसे अगर हम भी हमारे बाहरी शोर को दरकिनार कर अगर आंतरिक आवाज़ को सुनेंगे तो समझेंगे की अपने सपनों के आगे कोई भी चीज इतनी बड़ी नहीं होती है, की सपनों को छोड़ दिया जाएं | जिनके सपने झूठे होते है और जिनको उनपर यकीं नहीं होता वे ही "4 लोग क्या कहेंगे की बात पर यकीं कर जाते है" |
आइये हम भी अनूप की तरह इन फालतू व्यंगो और बातो के लिए थोड़े गूंगे और बहरे बन जाते है | ऐसी चीजें ना सुनते है और ना इसके विरूद्ध कुछ बोलते है, बस अपने लक्ष्य को पाने के लिए जूनून के साथ प्रयत्न करते है |
वो कहते है ना "मेहनत इतनी ख़ामोशी से करो, की सफलता शोर मचा दे" बस तो इसी बात पर दुनिया की छोड़ कुछ अपने लिए कर लेते है.... |
उठे और अपने सपनो को पूरा कीजिए, मंजिलो को ढूंढे और रास्तों का मज़ा लीजिए...
शुक्रिया ....