अनछुआ प्यार

by - February 12, 2018

LOVE
प्यार... इस शब्द को सुनते से ही दिल और दिमाग में कुछ गुदगुदी सी हो जाती है ना? कोई हमे याद आ जाता है जिसे हम भूल चुके होते है। जिंदगी के कुछ ऐसे मोड़ याद आ जाते है, जब कोई मिला होगा या कोई हमेशा के लिए बिछड़ गया होगा। है ना!! तो आइये आज हम इस प्यार को फिर से जीवित करते है, खो जाते है उन लम्हो में जिन्हे हम शायद चाहते हुए भी फिर नहीं जी पाए, और दिल के कोने में उसे दबाये रखे है। स्कूल के दिनों का प्यार सबसे अजीब होता था, वहां प्यार दोस्त से नहीं बल्कि पढ़ने वाली टीचर से अक्सर हो जाया करता था।कोई टीचर अच्छे से बात कर लेती थी तो वो हमारा पहला प्यार बन जाती थी। कॉलेज में आते- आते हमे दूसरी क्लास की लड़की / लड़का पसंद आने लगते थे, पर खुद की क्लास के लोग सब ठीक ठाक ही लगते थे। या फिर कभी क्लास की सुन्दर लड़की/ हैंडसम लड़के से हट कर कोई ऐसा पसंद आ जाता था, जिसकी सीरत अच्छी होती थी। साथ में मूवी देखना, पढ़ना , लड़ना , हंसना , रोना कब प्यार में बदल जाता था पता ही नहीं लगता था। यहाँ तक सब ठीक था लेकिन बात जब शादी की आती थी तो अक्सर दिल और दिमाग में लड़ाई चलने लगती थी। कुछ लोगो की ट्रैन पटरी से उतर जाती थी तो कुछ सुपर फ़ास्ट एक्सप्रेस की तरह शादी कर कर ही मानते थे। दोस्तों का भी भरपूर साथ मिलता था कोई दोस्त के मिलने के बहाने से आती थी तो कोई दोस्त से नोट्स लेने के बहाने उससे मिलने जाता था। कभी बस स्टैंड, कभी पानी पूरी स्टाल , कभी मंदिर या फिर कभी गली के कोने पर ऑंखें दो चार हो ही जाया करती थी। रात को मैसेज का इंतज़ार लगा रहता था और मैसेज आने पर हंसी भी आ जाती थी। छुप छुप कर मैसेज करना और बात करने का अपना अलग ही मज़ा था। आज जहाँ सब अपनी दो वक़्त की रोटी और कुछ सपने पुरे करने में दिन भर मेहनत करते रहते है, प्यार जाताना और बताना भी भूल जाते है। भूल जाते है की जिस दिल में आज पैसा और नाम पाने का जूनून है कभी प्यार के लिए पागल भी हुआ करता था। होता था  ना? तो आओ एक बार फिर अपने वजूद में से प्यार को ढूंढ निकाले, जो अभी साथ है उसे साथ के साथ -साथ प्यार भी दे। ताकि जो कमी आपको खल रही है शायद उसे ना खले और हो सके आप दोनों को ही प्यार वापस मिले, एक दिन के लिए नहीं बल्कि जिंदगी भर के लिए। इसी आशा के साथ जिओ दिल से ...

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