शादी की सालगिरह

by - February 14, 2018

Two body One soul

मीनू अलोक की शादी को आज 5 साल हो गए थे। अलोक ऑफिस से आ गए था और रोज की तरह हाथ मुँह धो चाय के इंतज़ार में था। हर दिन की तरह मीनू ने अपने पति को आज भी चाय बना के दी और बिना कुछ बोले ही कमरे में चले गयी।

चाय पी अलोक ने कमरे में जा कर पूछा और आज क्या स्पेशल बना रही हो? मीनू ने कहा- क्यों आज क्या है जो ख़ास बनाऊ? इस पर अलोक ने बोला, आज हमारी शादी की सालगिरह है याद नहीं तुमको। पहले तो कई दिन पहले से तैयारी में लग जाया करती थी। मीनू कुछ ना कह भी बहुत कुछ कह वहाँ से चली गयी। अलोक को उसकी चुप्पी समझ नहीं आई, तो वो उसके पीछे गया और पूछा क्या हो गया मीनू ने कहा कुछ नहीं बस काम कर रही हूँ और क्या?

अलोक ने फिर पूछा क्या स्पेशल बना रही हो, इस बार मीनू थोड़ी से चीड़ सी गयी बोली- लोकी की सब्जी, दाल और रोटी बना रही। अलोक बहुत असमंजस में आ गया की उसकी मीनू जो हर त्यौहार हर ख़ास दिन को और ख़ास बना देती थी। वो भले भूल जाता था पर मीनू नहीं भूलती थी। हमेशा कुछ नया और ख़ास करती थी, मुझे फूल, बढ़िया खाना और तोहफे भी दिया करती थी। आज उसे क्या हो गया?

उधर मीनू का मन भारी हो रहा था और आंखे नम हो गयी थी, बाथरूम में जा कर वह रोने लगी। ऐसा लग रहा था मानो वो अंदर से थक सी और टूट सी गयी हो। उसका मन आज भी कह रहा था की कुछ ख़ास करे पर दिमाग ने उसे सख्त हिदायत दे दी थी की बस अब बहुत हुआ माना प्यार लेने और सिर्फ पाने का नाम नहीं है लेकिन थोड़ी उम्मीद तो पाने की होती ही है। उसके अंदर यही द्वन्द चल रहा था।

शादी कर के जब वो अपने पति के साथ आयी थी, तो उसे लगता था की अलोक उसे तोहफे देगा, कभी गुलाब तो कभी कोई और सरप्राइज। कैंडल लाइट डिनर करेंगे कभी तो कभी हिल स्टेशन घूमने जायेंगे। लेकिन आज 5 साल बाद भी उसे ना कोई तोहफा मिला था, ना कही घूमने जाने का मौका। वो भी अगर कुछ करती थी तो बस एक थैंक्स मिल जाया करता था और कुछ तारीफ वाले शब्द। उसने कितनी बार अपने पति से फरमाइश भी की लेकिन वो सब कुछ बहाने और समय की बर्बादी कह टाल दी गयी। ये सब देख मीनू का मन भी उतर सा गया, उसने हंसना कम कर दिया, बात करना कम कर दिया और सरप्राइज देना भी।

उसके दिल में बात घर कर गयी थी की घर में रहना, घर संभालना और अपने पति की सुनना ही जिंदगी है। यही सोचते हुए और अपने आंसू पोछते हुए वो बाथरूम से बहार आ गयी और खाना बनाने में लग गयी।

अपने पति को खाना खिला और खुद खा वो सोने चली गयी और अलोक फिर रोज़ की तरह टीवी और मोबाइल लेकर बैठ गया। शादी की सालगिरह का दिन ऐसे ही बीत गया थोड़ी मीनू की खमोशी में और थोड़ी अलोक की नज़रअंदाज़गी में.... ।


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